पॉजिटिव सोच

  1.   अपनी सोच को पॉजिटिव कैसे बनाये  

       सकारात्मक और नकारात्मक सोच – Positive & Negative Thinking 


   हमारे जीवन में थिंकिंग अर्थात सोंच का महत्व बहुत अधिक है

     जब हमारी सोच पॉजिटिव होती है या जब हम सकारात्मक सोचते है, और हमारे समस्त कार्य सफलता पूर्वक पूर्ण हो जाते है, और जैसे हम नकारात्मक सोंचना आरंभ करते है,उसके गलत परिणाम हमारे सामनें प्रत्यक्ष रूप दिखाई देते है, यदि आप अपनें जीवन में अपार सफलता प्राप्त करना चाहते है, तो आपको अपनी सोच सकारात्मक बनानी होगी

    1. ध्यान करें        

      
अपनें अन्दर एकाग्रता के लिए ध्यान एक बेहतर माध्यम माना जाता है, क्योंकि एकाग्रता मन शांत रहता है, जिसके कारण हमारे अन्दर सकारात्मक सोंच उत्पन्न होती है, ध्यान के समय दिमाग किसी विशेष विचार की ओर केन्द्रित रहता है, तो उससे उर्जा बिखरती है यह उर्जा  इंसान के अन्दर मजबूती लाती है जिससे वह आम जीवन में कठिन परिस्थितियों का मुकाबला करने में सक्षम होता है, इसलिए दिन कम से कम 10 मिनट तक ध्यान लगाने की कोशिश करें शुरुआत में यह प्रक्रिया मुश्किल लगेगी पर अभ्यास से यह काफी आसान हो जाएगा

2.आत्मसम्मान रखे
      सकारात्मक सोच के लिए आपका आत्मसम्मान self confidence का होना बहुत जरुरी है अगर आपका खुद का confidence low रहेगा तो आपके अंदर positive thinking का निवास हो ही नहीं सकता है. एक छोटा सा उदाहरणआप कोई काम में लगे है और आपके अंदर एनर्जी लेवल कम है तो आप उस  काम को अपना 100% नहीं दे सकते है और आप उसमे fail हो जाओगे और उसके बाद आपके अंदर से positive thinking गायब हो जायेगी.

3. प्रेरणा
        जैसा की हमने आपको बताया आत्मविश्वास बहुत ही अवश्य है वैसे ही आपके अंदर motivation होना बहुत जरुरी है positive thinking के लिए
  •           Self confidence और Motivation में बहुत अधिक अंतर तो नहीं है किन्तु दोनों ही बहुत काम की चीज है सकारात्मक सोच के लिए, क्या अंतर है आपको बताते है सेल्फ कॉन्फिडेंस इंसान को अंदर से टूटने नहीं देता है और मोटिवेशन इंसान को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है.
  •      जिस आदमी के पास के दोनों है नकारात्मकता उस मनुष्य के आस-पास भी नहीं आयेगी, motivation के लिए आप हमारे top motivational thoughts पढ़े ये दुनिया के महान लोगो ने कहे है अपने पर्सनल अनुभव के बाद.
 4. संबंधों में सुधार हुआ
  •           Friends, अक्षर हम अपने रिश्तो के बारे में गलत-सलत बात करते रहते है कभी किसी दोस्त के बारे में, family मेंबर के बारे में, चाचा मामा फूफा के बारे में या किसी अन्य के बारे जिससे आपका संबंध बना हुआ है किसी भी तरीके से, अगर हम ऐसा करते है तो भी हम negativity को दावत दे रहे है कैसे?
  •            इस संसार में कोई भी आदमी perfect नहीं है हर किसी के अंदर कोई कोई गलत आदत होती है कुछ ना कुछ अवगुण होते है जो अच्छी आदते हो उसे आप उन से ले लो और जो आपको गलत लगती है उसे ignore करे आपका काम आसान हो जायेगा.
       
        5चिंता छोड़ेंबेफिक्र रहें
        अपने जीवन को सौहार्दपूर्ण और प्रिय तरीके से जीना सीखें।अपनी सभी चिंताओं और तनाव  को दूर भगाएं
    
    6. मुस्कराओ:- खुशियाँ इंसान को positive बनाने में बहुत हेल्प करती है जिसकी वजह से negativity आना थोड़ा सा मुश्किल होता है. आपको एक example के जरिये से बताते है, जब आदमी के दिल और दिमाग में  ख़ुशी का अहसास रहता है उस time उसका confidence level हाई रहता है जहन में अच्छे ही विचार आते है नकारात्मक सोच का तो मतलब ही नहीं बनता चाहे कैसा भी माहौल हो.

    वर्तमान में रहना महत्वपूर्ण:-वर्तमान में रहने का प्रयास करें। अपना दिमाग आज या अभी जो कुछ हो रहा है, उसी पर केंद्रित रखें। अतीत को पीछे छोड़ दें और भविष्य का इंतजार करना बंद करें, तभी आप खुशहाल रह सकते हैं। 






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